गाजर के जूस से भी कैंसर को दिया जा सकता है मात, जानें रोज कैसे-कितना पिएं

गाजर के जूस से भी कैंसर को दिया जा सकता है मात, जानें रोज कैसे-कितना पिएं

अम्बुज यादव

हमारे शरीर में कई रोग होते हैं जिससे हम परेशान रहते हैं। उन्हीं में कई ऐसे होते हैं जो सामान्य माने जाते है और कई जानलेवा भी होते हैं। जानलेवा में सबसे ज्यादा खतरनाक कैंसर को माना जाता है जो कई प्रकार के होते हैं। दरअसल कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज अगर हम शुरुआत में करें तो जान बचने की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन यह अधिकतर पहले स्टेज में पता भी नहीं चलता जिसकी वजह से लोगों की जान चली जाती है। वहीं आज हम आपको बताएगें कि पहले स्टेज से आगे जाने पर किस तरीके से लोग अपनी जान बचा सकते हैं। दरअसल डॉक्टर भी कहते है कि जब कैंसर अपने शुरुआती दौर में हो तो अगर इलाज हो और शरीर पर ध्यान दिया जाए तो वह ठीक हो सकता हैं, लेकिन आज हम एक ऐसा तरीका बताएंगे जिससे अन्य स्टेज में भी आप आराम पा सकते हैं।

वैसे हमारे किचन में और सब्जियों में कई ऐसे खाद्य पदार्थ है जिसका उपयोग करने पर हम निरोग रहते हैं। उन्हीं में एक हैं गाजर जिसका प्रयोग हम अगर कैंसर होने पर करें तो वह हमें जीवनदान दे सकता है। दरअसल अगर हम रोजाना गाजर का जूस पिएं तो हम कैंसर के तीसरे और चौथे स्टेज में भी ठीक हो सकते हैँ। इस बात की पुष्टी ब्रिटेन के न्यू कैसल यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध में किया गया है। शोध के अनुसार गाजर में पॉलीएसिटिलीन पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करके ट्यूमर का विकास रोकने में काफी सहायता करता हैं।

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इसके अलावा गाजर में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। यही नहीं इसमें बीटा कैरोटीन, अल्फा कैरोटीन, कैल्शियम एवं अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने में सहायता प्रदान करते हैं. वहीं शोध के अनुसार गाजर में फैलकारिनॉल,फैलकैरिन्डियॉल और एंटी कैंसर तत्व पाए जाते हैं जो लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है।

गाजर का जूस वैसे तो सभी लोगों के लिए फायदेमंद होता हैं लेकिन महिलाओं के लिए यह ज्यादा ही लाभदायक होत है। क्योंकि महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर की कोशिकाओँ के शुरुआती बदलाव को रोकने के लिए गाजर में पाये जाने वाले केरेटिनॉइड एसिड काफी मददगार होते हैं। वैसे आपको जानकर हैरानी होगी की पिछले साल एक उदाहरण सामने आ चुका हैं जिसमें एक महिला को कैंसर हुआ था और वह चौथे स्टेज में पहुंच चुका था। उसके बाद कैमरुन नामक महिला ने गाजर के जूस का सेवन करना शुरु किया तो वह कैंसर को मात देने में कामयाब हो पाई।  

कैमरून के अनुसार, उन्हें सन 2013 में कोलोन कैंसर के बारे में पता चला, जो कि चौथे चरण पर पहुंच चुका था। कीमोथैरेपी के अलावा इसके लिए कोई और विकल्प भी नहीं था। कैमरून ने इंटरनेट पर रिसर्च कर, राल्प कोले नामक व्यक्ति का अनुभव पढ़ा, जिसे प्रतिदिन 2.25 किलो गाजर का जूस पीने से कैंसर में काफी लाभ हुआ था। इसके बाद कैमरून ने भी गाजर के जूस का सेवन शुरू किया जिससे उन्हें सफलता मिली।

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